चुनाव

लोकतंत्र में चुनाव का महत्त्व 


लोकतंत्र यानि जनता का, जनता के लिए और जनता द्वारा किए जाने वाला शासन। इस प्रक्रिया में सबसे ज़्यादा अहम भूमिका भी जनता ही निभाती है। जनता सरकार बना भी सकती है और यदि कभी ज़रूरत पड़े तो गिरा भी सकती है। चुनाव के ज़रिए प्रत्येक बालिग व्यक्ति, इच्छानुसार किसी व्यक्ति को जिता सकता है। सिर्फ़ मतदान करना ही काफी नहीं है बल्कि सही उम्मीदवार को चुन के जिताना अधिक महत्वपूर्ण है।  चुनाव के समय की घोषणाओं को ही उसे सामने नहीं रखना चाहिए, बल्कि नीर-क्षीर विवेक से काम लेकर उपयुक्त, ईमानदार और जन-हित के लिए प्रतिबद्ध व्यक्ति के पक्ष में ही मतदान करना चाहिए। तभी सच्चे अर्थों में वास्तविक लोकतंत्र की रक्षा संभव हो सकती है।कई बार हार-जीत का निर्णय केवल एक ही वोट पर निर्भर हुआ करता है। हमारे एक वोट के न डलने से अच्छा उम्मीदवार हार और अयाचित उम्मीदवार जीत सकता है।अपने मत का प्रयोग अवश्य, परंतु सोच-समझकर करना चाहिए। यही इसका सदुपयोग, सार्थकता और हमारी जागरुकता का परिचायक भी है।लोकतंत्र की सफलता के लिए सही राजनीति और लोगों का, उचित योजनाओं का चयन एंव विकास संभव हो सके। 




 




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